1 Oct 2017 सलकनपुर के पहाड़ , पंकज,चिंटू,रवि और मैं..जीवन स्वर्ग होता है जब आप शान्त हों ,हम सब भी शान्त और सम्पन्न लोग हैं जो जीवन से ज्यादा मांगते नहीं ,और शिकायत भी नहीं करते.जीवन ने हमें सब कुछ दिया.जो चाहते थे ,पा लिया है.जो मांगते थे ,पा लिया है.जो सोचते थे पा लिया है ..पर खो गया,वो चीज़ क्या थी.पर खो गया,वो चीज़ क्या थी …. Read More
1 Oct 2017 व्योम और पंकज….. सलकनपुर के पहाड़ पर हम रुक जाते थे ,..हमारा ईश्वर प्रकृति में बसता है.. पीछे नीबू पानी वाले की दूकान है .इस फोटो सेशन के बाद सबने पार्टी की थी .. अब भी वहां पहाड़ पर प्रकृति के रंग बदलते होंगे,पर पंकज के जाने के बाद हमारी टीम कभी सलकनपुर नहीं गयी. पंकज का एक्सीडेंट भी सलकनपुर के इलाके में ही हुआ था. शायद आत्मा चुन लेती है कि उसे कहाँ रुक जाना है. जय माता दी पंकज .. Read More
1 Oct 2017 एक बार हमने सोचा कि सब लोग मंदिर तक पहुँचने के लिये सीदी का इस्तेमाल करते हैं और हम भी ,तो हममे और उनमे क्या अंतर बचेगा?निर्णय हुआ कि हम सब पहाड़ से जायेंगे.वहीँ मैहर के पहाड़ पर अपन तो वाली मुद्रा में लट्ठ लिये पंकज ,जय हो .. Read More
1 Oct 2017 Always a team man Pankaj would enjoy the company of the youngsters. Dashing dude Pankaj would adorn a coronation on his forehead. He would win hearts without even trying for. Read More