एक बार हमने सोचा कि सब लोग मंदिर तक पहुँचने के लिये सीदी का इस्तेमाल करते हैं और हम भी ,तो हममे और उनमे क्या अंतर बचेगा?निर्णय हुआ कि हम सब पहाड़ से जायेंगे.वहीँ मैहर के पहाड़ पर अपन तो वाली मुद्रा में लट्ठ लिये पंकज ,जय हो ..
एक बार हमने सोचा कि सब लोग मंदिर तक पहुँचने के लिये सीदी का इस्तेमाल करते हैं और हम भी ,तो हममे और उनमे क्या अंतर बचेगा?निर्णय हुआ कि हम सब पहाड़ से जायेंगे.वहीँ मैहर के पहाड़ पर अपन तो वाली मुद्रा में लट्ठ लिये पंकज ,जय हो ..