सलकनपुर के पहाड़ , पंकज,चिंटू,रवि और मैं..जीवन स्वर्ग होता है जब आप शान्त हों ,हम सब भी शान्त और सम्पन्न लोग हैं जो जीवन से ज्यादा मांगते नहीं ,और शिकायत भी नहीं करते.जीवन ने हमें सब कुछ दिया.जो चाहते थे ,पा लिया है.जो मांगते थे ,पा लिया है.जो सोचते थे पा लिया है ..पर खो गया,वो चीज़ क्या थी.पर खो गया,वो चीज़ क्या थी ….
सलकनपुर के पहाड़ , पंकज,चिंटू,रवि और मैं..जीवन स्वर्ग होता है जब आप शान्त हों ,हम सब भी शान्त और सम्पन्न लोग हैं जो जीवन से ज्यादा मांगते नहीं ,और शिकायत भी नहीं करते.जीवन ने हमें सब कुछ दिया.जो चाहते थे ,पा लिया है.जो मांगते थे ,पा लिया है.जो सोचते थे पा लिया है ..पर खो गया,वो चीज़ क्या थी.पर खो गया,वो चीज़ क्या थी ….