लेखक की कलम से

मेरा नाम गप्पू चतुर्वेदी। जीवन के बहते सागर में जिसने भी गोता लगाया वो कोई मोती ढूंढकर लाया। व्यक्तित्व विज्ञान के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से जुड़े रहने के कारण मुझे भी व्यक्तित्व का जीवन समझ में आने लगा और व्यक्ति रुपी सीपी के भीतर छिपा हुआ व्यक्तित्व रुपी मोती मुझे नज़र आने लगा। मिस्टर यू उन्हीं कुछ मोतियों से पिरोयी हुयी माला है। मिस्टर यू लिखते समय मेरे मन में अतीत से ज्यादा भविष्य की परवाह थी। मानव जीवन अपने दुखांे चिंताओं और अवसादों से त्रस्त है। मैं अक्सर सोचता था कि ज्ञान की इतनी तरक्की होने के बावजूद हम दुख और चिंताओं का इलाज क्यों नहीं ढूंढ पाये। मुझे महसूस हुआ कि हमारी षिक्षा व्यवस्था बच्चों को सही प्रषिक्षण नहीं देती और हमारा समाज जीवनरुपी प्रयोगषाला का इस्तेमाल नहीं होने देता। मैं अगली पीढी को यह सलाह देना चाहता हूं कि आप सबको प्रसन्न करने के लिये पैदा नहीं हुये। परन्तु स्वयं को जाने बगैर यदि आप बड़े हो गये तो दुख, चिंताएं और अवसाद आपके मित्र बने रहेंगे। बाकी सब मोती आप खुद टटोलिये और अपने आप याने मिस्टर यू के जीवन, समय और ऊर्जा का पूरा फायदा उठाइये।

आपके बारे में कुछ बातें हैं, जो-

1 आप जानते हैं, दुनिया भी।
2 आप नहीं जानते हैं, दुनिया को पता है।
3 आप जानते हैं, दुनिया को नहीं मालूम।
4 आप नहीं जानते, दुनिया को भी नहीं पता।

बचपन में एक सन्यासी ने मुझसे पूछा था कि आप कौन हो और मैंने कहा था- गप्पू चतुर्वेदी। ‘‘बस और कुछ नहीं’’! यह कहकर वह बाबा चला गया था। मैं भी खोजने लगा अपने आपको। अब मुझे पता है कि आप हो, चाहे कुछ भी। पर आपके बारे में कुछ बातें हैं जिन्हें आप जानते हो और यह दुनिया भी। आपके बारे में कुछ और बातें हैं जिन्हें आप नहीं जानते पर यह दुनिया जानती है। और कुछ बातें आपके बारे में है जिन्हें आप जानते हो, पर यह दुनिया नहीं। और अंत में बहुत सारी ऐसी बातें हैं आपके बारे में जिन्हें आप नहीं जानते और यह दुनिया भी नहीं। ये सारी बातें मिलकर आप बनते हो। उम्मीद करता हूं कि आप अपने बारे में थोड़ी उन बातों को जानने की कोशिश करेंगे जिन्हें आप नहीं जानते और यह दुनिया भी नहीं। क्योंकि वही बातें आपके जीवन की सफलता और उपलब्धियां निर्धारित करती हैं।

बहती नदी

सूरज ढल रहा था। पचमढ़ी के पहाड़ों पर शांत लाल पका हुआ सूरज धीरे-धीरे पश्चिम में अपने घर जा रहा था। नदी तेज बह रही थी। नदी का कोई घर नहीं होता। फिर भी बहते रहना ही नदी का जीवन है। भोपाल के गे्रनी गुरुकुल से कुछ बच्चे और शिक्षक पिकनिक मनाने पचमढ़ी आए थे। Read More

खजाने की खोज

बच्चे घूर रहे थे, सोच रहे थे, सर खुजा रहे थे। क्या खजाना? कहां पर मिलेगा? कैसे ढूंढ लेंगे? ढूंढने का फायदा क्या है? ‘जटाशंकर चलेंगे, वहीं पर है खजाना’-रवि सर ने कहा। सारे बच्चे बस में जाकर बैठ गये। कुछ खिड़की के पास, कुछ बीच में, कुछ खड़े हुए नाचते रहे, पर जी-9 ड्राइवर भाई के पास बैठे थे। नई जगहें देखने के लिए अपने आपसे बाहर आना पड़ता है। वैसे भी पचमढ़ी के रास्ते इतने सुंदर हैं जैसे आप किसी कैलेंडर के लिए फोटो खिंचवा रहे हों। Read More ...

मिस्टर यू

चलो बच्चों मैं आपको ‘‘मिस्टर यू’’ की कहानी सुनाता हूं। पहाड़ पर बैठे बच्चे ऊंचाई से दुनिया देख रहे थे और जब हम जमीन से ऊपर उठकर खुद को देखते हैं तो हमें दुनिया बदली हुई नज़र आती है। कौन ‘‘मिस्टर यू’’- मानस ने पूछा। मिस्टर यू माने ‘‘श्रीमान आप’’- यादव सर बोले। Read More...

टंकी के छेद

मान लो आपके पास एक टंकी है। आप दिनभर दूर हैंडपंप से पानी लाकर उस टंकी को भर देते हो। शाम को उस टंकी पर ढक्कन लगाकर आप चैन की नींद सो जाते हो, ताकि अगले दिन और मेहनत करके टंकी पूरी भर सको। सुबह जब आप उठे तो आप देखते हो कि टंकी खाली है और पड़ोसियों पर शक करते हो। Read More

उद्यम, सफलता और आप

यादव सर का ध्यान इस प्रश्न से टूट गया। प्रष्न अपना उत्तर ढूंढ लेता है। सर समझाने लगे-आज की दुनिया एक उद्यम है और जैसा संस्कृत में एक श्लोक कहता है-

उद्यमेन ही सिध्यंति, कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य, प्रविशंति मुखे मृगाः।।

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धूपगढ़ का सूरज

यादव सर पीयूष के इस आग्रह को छोड़ नहीं पाए। वो समझाने लगे- आप एक रॉकेट हो, जिसे अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होना है और अपनी स्काईलाइन, गैलेक्सी और ट्रेजेक्टरी समझना है। अब ये सोचो कि क्या आप अपनी छत पर हेलीकॉप्टर उतार सकते हो? नहीं। आपकी छत टूट जाएगी। हेलीकॉप्टर ध्वस्त हो जाएगा। Read More

बंदरों के खेल

सभी बच्चे रात भर सोये नहीं थे। शायद अब वो जाग गये थे या कहें कि उनके भीतर कोई जाग गया था। श्रीमान आप! मिस्टर यू! सुबह 10 बजे सभी बच्चों को तैयार होकर आ जाना था। पर सुबह 6 बजे ही कुलदीप उठा और बोला-‘चलो यादव सर के पास चलते हैं। Read More

हाथी की पूंछ

ये विज्ञान क्या होता है सर-संदल ने पूछा। हम लोग जो किताब पढ़ते हैं, उसमें तो ऐसी कोई बात नहीं लिखी। सर बोले-किसी भी विषय का क्रमबद्ध ज्ञान विज्ञान है। जैसे भौतिक शास्त्र में हम द्रव्यमान, पदार्थ, ऊष्मा, आयतन आदि का अध्ययन करते हैं। रसायन शास्त्र में हम तत्व, अम्ल, क्षार पदार्थ का अध्ययन करते हैं। Read More ...